नेट वर्थ बनाम लिक्विड नेट वर्थ: क्या आप फर्क जानते हैं? | JagSeva
नेट वर्थ vs लिक्विड नेट वर्थ: जानिए असली फर्क
₹2 करोड़ की नेट वर्थ होने के बावजूद आपके पास तुरंत कितनी कैश उपलब्ध है?
नेट वर्थ और लिक्विड नेट वर्थ में क्या अंतर है?
जब हम अपनी नेट वर्थ की बात करते हैं, तो हम सोचते हैं कि यही हमारी कुल संपत्ति है। लेकिन असली चुनौती तब आती है जब हमें तुरंत कैश की जरूरत हो। लिक्विड नेट वर्थ यहीं पर काम आता है।
नेट वर्थ = कुल संपत्ति − कुल देनदारियाँ
लिक्विड नेट वर्थ = लिक्विड एसेट्स − इमीडिएट लायबिलिटीज
उदाहरण: राजेश की कहानी
राजेश की नेट वर्थ ₹2 करोड़ है। लेकिन जब उसे इमरजेंसी में ₹5 लाख की जरूरत पड़ी, तब असलियत सामने आई।
- घर: ₹1.2 करोड़
- कार: ₹15 लाख
- म्यूचुअल फंड: ₹25 लाख
- सेविंग्स: ₹5 लाख
- FD: ₹10 लाख
- स्टॉक्स: ₹5 लाख
लिक्विड एसेट्स: ₹45 लाख | इमीडिएट लायबिलिटीज: ₹1.6 लाख
लिक्विड नेट वर्थ: ₹43.4 लाख
यानी ₹2 करोड़ की नेट वर्थ के बावजूद, राजेश के पास तुरंत केवल ₹43.4 लाख ही उपलब्ध हैं।
लिक्विड बनाम इलिक्विड एसेट्स
लिक्विड एसेट्स:
- सेविंग्स/करंट अकाउंट
- FD (1 दिन में तोड़ सकते हैं)
- लिक्विड म्यूचुअल फंड
- स्टॉक्स, गोल्ड ETF
इलिक्विड एसेट्स:
- रियल एस्टेट
- फिजिकल गोल्ड
- PPF, PF
- कलेक्टिबल्स
लिक्विड नेट वर्थ क्यों जरूरी है?
- इमरजेंसी फंड: मेडिकल, जॉब लॉस जैसी स्थिति में तुरंत कैश मदद करता है।
- अवसर का लाभ: नया इन्वेस्टमेंट ऑप्शन मिले तो तुरंत फंड्स लग सकते हैं।
- लोन स्वीकृति में आसानी: बैंक लिक्विड वर्थ देखकर ही क्रेडिट लिमिट तय करते हैं।
- मानसिक सुकून: जानना कि जरूरत पर कैश मौजूद है, स्ट्रेस कम करता है।
लिक्विड नेट वर्थ बढ़ाने के तरीके
- इमरजेंसी फंड बनाएं (6 महीने का खर्च)
- 30-40% पोर्टफोलियो लिक्विड रखें
- लिक्विड म्यूचुअल फंड चुनें
- गोल्ड ETF में निवेश करें
- स्मार्ट क्रेडिट कार्ड मैनेजमेंट
- रेंटल प्रॉपर्टी और साइड इनकम प्लान
FAQs
1. क्या मेरी नेट वर्थ ही मेरी फाइनेंशियल स्थिति दर्शाती है?
नहीं, नेट वर्थ लॉन्ग टर्म स्थिति बताती है, लेकिन लिक्विड नेट वर्थ इमरजेंसी में काम आती है।
2. लिक्विड एसेट्स में क्या आता है?
बैंक बैलेंस, म्यूचुअल फंड, स्टॉक्स, गोल्ड ETF — जिन्हें तुरंत कैश में बदला जा सके।
3. क्या रियल एस्टेट लिक्विड है?
नहीं, इसे बेचने में समय लगता है और यह जल्दी कैश नहीं बनता।
4. लिक्विड नेट वर्थ कैसे ट्रैक करें?
हर महीने अपने बैंक बैलेंस, म्यूचुअल फंड्स और FDs की स्थिति देखें।
5. अच्छा लिक्विड नेट वर्थ रेशियो क्या होता है?
कम से कम 20-30% अच्छा माना जाता है। 50% से ऊपर हो तो बेहतर।
फाइनल थॉट्स
आपकी नेट वर्थ जितनी बड़ी हो, अगर उसमें लिक्विडिटी नहीं है, तो आप ज़रूरत के समय असहाय रह सकते हैं। इसीलिए, अपने नेट वर्थ कैलकुलेशन के साथ लिक्विड नेट वर्थ की गणना भी करें और दोनों में संतुलन बनाए रखें।
ध्यान रखें: “आप अमीर तब होते हैं जब आपके पास जरूरत के समय कुछ ‘इस्तेमाल’ करने लायक होता है, न कि सिर्फ दिखाने के लिए।”